Friday, August 31, 2012

उसकी यादें....








मुसलसल याद को उसकी मैं दरिया को दे आया ।

मुझे ठहरी हुई चीजें कभी अच्छी नही लगती ॥

                                                                 --- कृष्ण


 



कृष्ण कुमार मिश्र
09451925997


Monday, August 27, 2012

कुछ यूँ ही सोचता हूँ !



सोचता हूं कि मैं भी साहिब-ए- वक्त हो जाऊं,
अब तलक मगर मुझको कोई मोहसिन न मिला---कृष्ण



खयाल





उसका इक निशां बाकी रह गया मेरे दयार में
सोचता हूं दरिया में बहाऊं या सुपुर्दे खाक करूं----कृष्ण