इश्क वो इबादत है
आँखो में हो आँसू
ओंठो पे मुस्कान उभर आये
प्यार में टूट कर मंजिल पर पहुंच जाये
महबूब के दीदार से दिल मे पाकी़जगी का हो एहसास
और दिल से निकली हुई आहों मे हो दुआयें
कितना ही क्यो न हो महबूब फ़रेबी
फिर भी देखो जब उसे तो प्यार उमड़ आये
तेरा काम ही है आशनायी कृष्ण
बात तब है जब बेवफ़ाई पर भी तुझको प्यार आये
कृ्ष्ण कुमार मिश्र
लखीमपु्र खीरी
9451925997
आँखो में हो आँसू
ओंठो पे मुस्कान उभर आये
प्यार में टूट कर मंजिल पर पहुंच जाये
महबूब के दीदार से दिल मे पाकी़जगी का हो एहसास
और दिल से निकली हुई आहों मे हो दुआयें
कितना ही क्यो न हो महबूब फ़रेबी
फिर भी देखो जब उसे तो प्यार उमड़ आये
तेरा काम ही है आशनायी कृष्ण
बात तब है जब बेवफ़ाई पर भी तुझको प्यार आये
कृ्ष्ण कुमार मिश्र
लखीमपु्र खीरी
9451925997