आदमी ने तो कत्लगाह बना डाला है तेरी दुनिया को
सुना है तेरे फरिश्तों ने शैतानों से दोस्ती कर ली ...
ए खुदा तेरी कायनात में कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए
जानवरों को भी उनका हक़ नसीब हो जाए ..
अब वक्त है की आदमी और जानवर की जमीं तकसीम की जाए
उन्हें लालच की दौलत मिले और इनको जीने का हक़ मिल जाए...
ए खुदा तेरे जहां में बहुत खूनी नज़ारा है बड़ी ही बेईमानी है
अब दरिंदों को दोजख और परिंदों को उनका आसमान दे दो ..
कृष्ण कुमार मिश्र "कृष्ण"
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